रूद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों को बेतहर सुविधा देने को लेकर घोड़े-खच्चरों में लगाये गये वाटर प्रूफ गददी का भुगतान ना होने पर श्री केदारनाथ तीर्थयात्री सेवा समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह नेगी जिला चिकित्सालय के सामने टाॅवर में चढ़ गए। उन्होंने कहा कि जब तक प्रशासन उनकी मांग को पूरा नहीं कर देता, वे टाॅवर से नीचे नहीं आयेंगे। दरअसल, गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर संचालित घोड़े-खच्चरों पर जिला पंचायत के माध्यम से वाटर प्रूफ गददी लगाई गई। गद्दी लगाने का कार्य श्री केदारनाथ तीर्थयात्री सेवा समिति को सौंपा गया, जिसके अध्यक्ष अवतार सिंह नेगी हैं। जिला पंचायत की ओर से डीएम व सीडीओ से अनुमोदन कराते हुए यह कार्य ठेकेदार को सौंपा गया। ठेकेदार की ओर से आठ हजार वाटर प्रूफ गद्दी 735 के हिसाब से खरीदी गई और घोडे-खच्चरों की कांठी के ऊपर लगाई गई। पिछले माह 12 मई से यह कार्य शुरू हुआ, लेकिन घोडे़-खच्चर स्वामियों की ओर से शिकायत की गई कि गद्दी के नाम पर उनसे अवैध पैंसा वसूला जा रहा है, जिसके बाद डीएम की ओर से यह कार्य रोका। कार्य को रोके हुए दस दिन का समय हो गया है और ठेकेदार लगातार अपने भुगतान की मांग कर रहा है। ठेकेदार अवतार सिंह नेगी का कहना है कि उसने गद्दी पर 60 से 70 लाख खर्च किया है, जिसका भुगतान उसे नहीं किया जा रहा है। बार-बार प्रशासन को भुगतान को कहने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। ऐसे में उसे यह निर्णय लेना पड़ा है। ठेकेदार जिला चिकित्सालय के सामने बीएसएनएल टाॅवर में चढ़ गया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन उनका भुगतान नहीं कर रहा है, जिस कारण उन्हें आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि उनका जो भुगतान है, वह तय रेट पर किया जाए। साथ ही इस व्यवस्था को पुनः से शुरू करवाया जाय। अगर प्रशासन इस मांग को पूरा करता है, तभी वे टाॅवर से नीचे आयेंगे, अन्यथा वे आत्मदाह के लिए विवश हो जायेंगे। ठेकेदार के टाॅवर में चढ़ने के बाद कांग्रेस को भी सरकार, शासन व प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने का मुद्दा मिल गया है। पूर्व कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज ने कहा कि केदारनाथ यात्रा के नाम पर घोटाले किये जा रहे हैं। पहले जिला प्रशासन और जिला पंचायत ने टेंडर के बिना ही गद्दी का काम श्री केदारनाथ तीर्थयात्री सेवा समिति को सौंपा। इसके बाद घोटाला सामने आने पर कार्य रोक दिया गया। कांग्रेस पूर्व प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि ठेकेदार का लाखों रूपए गद्दी पर खर्च हो गया है, जिसका भुगतान उसे नहीं किया जा रहा है, जिस कारण मजबूर होकर उसने यह कदम उठाया है। केदारनाथ यात्रा में जिला प्रशासन और जिला पंचायत जम्मू कश्मीर की जीमैक्स कंपनी के माध्यम से पैंसा वसूल रही है। जो कार्य टेंडर पर किया जाना चाहिए था, उसे अनुमोदन करके दिया गया है। यह एक बड़ा सवाल है। मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। वहीं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि ठेकेदार से बातचीत की जा रही है। उनके भुगतान को लेकर कार्यवाही चल रही है। जल्द ही मामले को सुलझा दिया जायेगा।वहीं देर रात तकरीबन 11 बजे के करीब टावर पर चढ़ा ठेकेदार प्रशासन के आष्वासन के बाद नीचे उतरा।