• Fri. Mar 29th, 2024

The uk pedia

We Belive in Trust 🙏

प्रसव पीड़ा में तड़पती अंजू देवी रात के अंधेरे में 5 घंटे का पैदल सफर तय कर पहुंची अस्पताल, ऐसा विकास किस काम का जो गांव तक सड़क न पहुॅचा सके।

Jun 26, 2022
Spread the love

देर रात 11 बजे का समय था, अचानक गर्भवती महिला अंजू देवी को प्रसव पीड़ा उठी, पति सोनू गौड उसे अस्पताल ले जाने के लिए तैयार हुआ। लेकिन आधी रात का समय और गांव में सड़क न होने के चलते पैदल ही सफर तय करना एक चुनौती बन गया। अब सोनू मरता क्या न करता खुद ही अपनी गर्भवती पत्नी को आधी रात में जंगल के बीचों बीच उबड़ खाबड़ रास्ते से किसी तरह सड़क तक ले गया। लेकिन इस बीच प्रसव पीड़ा से जूझ रही अंजू देवी को गांव से सड़क तक का रास्ता तय करने में 5 घण्टें लग गये । तब तक सुबह के 4 बज चुके थे, अंजू देवी दर्द से कराह रही थी, सोनू के दिमाग में पत्नी की पीड़ा व गांव तक सड़क न होने का मलाल था। इस दौरान सोनू ने रात का सफर पैदल प्रसव पीड़ा से जूझ रही पत्नी के साथ तय करते हुए सरकार, जनप्रतिनिधियों को विडियो रिकार्ड कर खुद पर बीत रही बातों को बताया। सोनू ने क्या कुछ कहा वह भी आपको बतायेंगे पहले जान लिजिए कि घटना कहॉ की है और प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती महिला अंजू देवी अस्पताल तक कैसे पहुॅची..?
दरअसल घटना धनौल्टी लग्गा गोठ गांव की है।
यहॉ 22 जून को देर रात को प्रसव पीड़ा होने पर रोड न होने के कारण पैदल ही रात्रि के करीब 11ः00 बजे धनौल्टी लग्गा गोठ से पैदल जंगल से होते हुए निकले व धनौल्टी पहुंचते-पहुंचते 5 घंटे का समय लग गया। रोड ना होने के कारण सोनू गौड़ अपनी धर्म पत्नी अंजू देवी को सुनसान उबड़ खाबड़ जंगल के रास्ते से होते हुए रात्रि में 4ः00 बजे सुबह धनौल्टी पहुंचे । यहॉ से गर्भवती को एक प्राईवेट वाहन से मसूरी अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर पहुंचते ही उनका प्रसव हो गया और उन्होंने बेटे को जन्म दिया। जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। हालांकि सोनू गौड़ ने अपनी पीड़ा को रात में वीडियो के माध्यम से स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों शासन में बैठे लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया।

सोनू का कहना है कि हम आजादी के बाद भी गुलामी की राह झेल रहे हैं व रोड न होने के कारण बहुत बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में भी धनोल्टी लगा गोठ क्षेत्र में कई लोगों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया वो रोड़ न होने से व अस्पताल समय पर न पहुंचने के कारण जिंदगी से हाथ भी धोना पड़ा है। इससे पूर्व यहॉ पहाड़ी से गिरने पर व समय पर अस्पताल न पहुॅचने पर कई लोग काल के गाल में समा गये हैं।

धनोल्टी लग्गा गोठ में सड़क का आभाव, जनजीवन को कर रहा प्रभावित

धनोल्टी लग्गा गोठ राजस्व ग्राम क्षेत्र के अंतर्गत चूलीसैंण, चोरगढ़, झालकी, पिरियांणा आदि तोकों में तकरीबन ढाई सौ से अधिक लोग निवास करते है। यहॉ रहने वाले लोगों की आजीविका कृषि पर आधारित है व रोड़ न होने के कारण किसानों की फसलें खेतों से मंडी तक पहुंचने में हजारों रुपए खच्चरों के भाड़े के रूप में लग जाते हैं। कई बार फसलें खेतों में ही सड़ जाती हैं। व किसानों के हाथ कुछ भी नहीं लगता ऐसे में उनकी जीविका चलना बड़ा मुश्किल हो जाता है। आजादी के इतने साल बाद भी जब हर गांव सड़क के दावे किये जाते हो उस दौर में सड़क के आभाव में दम तोडती जिन्दगी विकास के मुह पर तमाचा सा लगता है। बहरहाल यह पहाड़ सी पहाड़ की महिला अंजू देवी की सहनशक्ति थी िकवह प्रसव पीड़ा को सहन करते हुये पांच घण्टे की कोशिशों के बाद सड़क तक पहुॅची और अस्पताल पहुॅचकर बच्चे को जन्म दिया। लेकिन पहाड़ की कई गर्भवती महिलायें समय पर ईलाज व अस्पताल तक न पहुॅचने के कारण दम तोड़ देती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page