अगर आप पहाड़ी हो तो ये विडियो आपके रोंगटे खड़े करने के लिए काफी है। घटना बागेश्वर जनपद के एक जूनियर हाई स्कूल की है। यहॉ उस वक्त अफ़रा-तफ़री का माहौल बन गया जब कक्षा 8 वीं की 5-6 छात्राएं अचानक चिल्लाने लगीं और रोते-रोते बेहोश होने लगी। एक साथ स्कूल में 5 से 6 छात्राओं के रोने बिलखने की आवाज से स्कूल में हडकंप मच गया। शिक्षकों के हाथ-पावं फूलने लगे। किसी तरह बच्चों को शांत करवाने की कोशिश की गई। एक शख्स द्वारा लोक पंरपराओं की तरह बभूत लगाकर छात्राओं को शांत करने का प्रयास भी किया गया। इसके बाद आनन-फानन में स्कूल के शिक्षकों ने इन छात्राओं को जैसे तैसे संभाला और इनके अभिवावकों को फ़ोन कर स्कूल बुलाया गया। जिसके बाद तबियत ख़राब हुई छात्राओं को घर भेजा गया। वहीं इस घटना को लेकर अलग अलग बातें सामने आ रही कुछ लोग इसे मास हिस्टीरिया बता रहे हैं। जिन्हें मालूम नहीं है कि मास हिस्टीरिया क्या है तो उन्हें बता दूं कि मास हिस्टीरिया का मतलब एक विशेष प्रकार के माहौल के हिसाब से व्यवहार होना है. या किसी खास या व्यक्ति विशेष से अत्यधिक जुड़ाव महसूस करने को मनोविज्ञान की भाषा में आइडेंटिफिकेशन कहते हैं. इसके अत्यधिक प्रभाव में आने से व्यक्ति समाज से खुद को अलग महसूस करने लगता है। वहीं अगर आप लोक परंपराओं को मानते हैं तो आप इस घटना को लोक से जोड़कर भी देख सकते हैं। बहरहाल अब बताया जा रहा है कि डॉक्टर्स की एक टीम इस सरकारी जूनियर हाईस्कूल में जाएगी और बीमार हुई स्कूली छात्राओं की काउंसिलिंग कर ईलाज करेंगे।