उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी कि यूकेएसएससी पेपर लीक मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। कई ऐसे चेहरे सामने आ रहे हैं जो या तो किसी सरकारी विभाग में कार्यरत हैं या रिटार्यड हो चुके हैं। लेकिन अभी तक केवल छोटे मुर्गे ही जाल में फसें हैं। आखिर किसकी सय पर यह पूरा खेल होता था यह भी अभी सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि एसटीएफ अपनी जॉच में जुटी हुई है और हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही कोई बड़ा षिकारी गिरफ्त में आये। वहीं दूसरी ओर यूुकेएसएससी को लेकर जो लेटेस्ट अपडेट है वह यह है कि मास्टरमाइंड हाकम सिंह पुलिस की गिरफ्त में है। 3 दिन की हाकम सिंह की पुलिस रिमांड गुरूवार देर साम को पूरी हो गई थी।
रिमांड के दौरान हाकम ने कई राज खोले होंगे। क्योंकि इससे पहले भी हाकम से मिली जानकारी के आधार पर एसटीएफ ने कई गिरफ्तारियॉ की थी। अब एसटीएफ कुछ और गिरफ्तारियां कर सकती है। पूछताछ में हाकम के साथ उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक नकल माफियाओं के गठजोड़ के लोगों की पहचान हुई है। 2 दिन पहले ही उत्तर प्रदेश बिजनौर (धामपुर) के कोर्ट में सरेंडर करने वाले केंद्रपाल पर भी एसटीएफ का शिकंजा कसना तय है। उत्तरकाशी जिले में हाकम गैंग से जुड़े बड़े लोगों की गिरफ्तारियां हो सकती हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर आदेश दिए हैं कि इस प्रकरण से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बख्शा ना जाए।
ऐसे में एसटीएफ किसी भी दोषी को बख्शेगी नहीं। मामले में मास्टरमाइंड की भूमिका में नजर आने वाले हाकम सिंह को एसटीएफ ने 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लियाथा। गुरुवार शाम को रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पेपर लीक मामले की जांच चल रही है और अब तक 22 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
आगे भी महत्वपूर्ण लोग रडार पर हैं। जिनकी गिरफ्तारी जल्द ही तय है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक केस को जल्द सुलझा लिया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी भर्ती प्रक्रिया में उजागर हुई कमियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए सभी दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि न्ज्ञैैैब् च्ंचमत स्मंा दोषियों को चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी हो और उनकी अवैध संपत्ति को जब्त करें, गैंगस्टर एक्ट भी लगाया जाए। जिन परीक्षाओं के माध्यम से दागी व्यक्तियों को नियुक्ति मिली, उनकी नियुक्ति रद की जाए । वहीं दूसरी ओर सरकार ने उन परिक्षाओं को निरस्त कर दिया हैं जिनमें धांधली हुई है, सरकार के इस फैसले से कई बेरोजगार युवाओं में एक नई आस जगी है कि इस बार तो उन्हें नौकरी मिल ही जायेगी लेकिन एकाएक हाकम सिंह जैसे व्यक्ति का चेहरा भी युवाओं के आंखों के समाने घूमता है और युवा फिर यही सोचने पर मजबूर हो रहे हैं कि क्या भविष्य में निष्पक्ष रूप से परिक्षायें संपन्न कराई जायेंगी।