श्रीनगर। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के उद्यान विभाग द्वारा कृषकों को बागवानी के गुण सिखाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यशाला में देवप्रयाग विधानसभा के विभिन्न गंावों के 50 से अधिक ग्रामीण काश्तकारों को प्रशिक्षण दिया गया। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तराखंड सरकार की एचएमईएच (भ्डछम्भ्) परियोजना के सहयोग से कृषक प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन कार्यशालाओं का अयोजन उद्यान विभाग द्वारा कराया जा रहा है। बीते एक महीने से विभाग इन कार्यशालाओं का आयोजन करा रही है।
शुक्रवार को आयोजित कार्यशाला का शुभारम्भ बतौर मुख्य अतिथि, संकायाध्यक्ष, कृषि एवं संबद्ध विज्ञान संकाय, प्रो0 जे0 एस0 चौहान एवं अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। प्रो0 जे0 एस0 चौहान ने प्रतिभागी काश्तकारों को जैविक बागवानी उत्पादन हेतु प्रेरित करने के साथ-साथ जैविक खेती से जुड़े महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में जैविक बागवानी उत्पादन को मजबूती देने के लिए एकजुटता के साथ काम करना जरूरी है।
कार्यशाला में उपस्थिति विशिष्ट अतिथि एवं विभागाध्यक्ष जैव रसायन विभाग डॉ मनीषा निगम द्वारा काश्तकारों को कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी की जनाकारी दी गई। बताया कि कैसे हम अपने खानपान में रेशे युक्त फल एवं सब्जियां का सेवन कर कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी से बच सकते हैं।
उद्यानिकी विभागाध्यक्ष, डॉ0 डी0 के0 राणा द्वारा काश्तकारों को संबोधित करते हुए संरक्षित सब्जी उत्पादन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियां काश्तकारों से साझा की।
कार्यशाला संयोजक एवं सहायक प्रोफेसर डॉ तेजपाल सिंह बिष्ट द्वारा काश्तकारों को आजिविका वर्धन एवं आमदनी दोगुनी करने हेतु वैज्ञानिक पद्धति से बागवानी करने का सुझाव दिया गया। साथ ही उघान शोध प्रक्षेत्र में वैज्ञानिक बागवानी तकनिकियों से अवगत कराया, जिससे कि काश्तकार प्रशिक्षण से प्राप्त जानकारी को अपने खेत में अपना सके।