पौड़ी और टिहरी जिले को आपस में जोडता देवप्रयाग का पैदल झूला पुल किसी बडे खतरे को न्योता दे सकता है। भागीरथी नदी के ऊपर बना ये पुल अंग्रेजो के शासन काल में बनाया गया था। लेकिन पैदल झूला पुल की मरम्मत सही समय पर न होने के कारण अब इस पैदल पुल की हालात काफी जर्जर हो चुकी है।
दरअसल देवप्रयाग के 30 गांवो की आवाजाही इसी पुल से होती है इस पैदल पुल की आखिरी मरम्म्त सन 1895 में हुई थी इसके बाद से पुल की सुध तक लेने की जहमत न ही लोक निर्माण विभाग ने उठाई न ही जिला प्रशासन ने ऐसे में अब इस पैदल झूला पर पैदल यातायात को असुरक्षित बताते हुए लोक निर्माण विभाग ने महज एक चेतवानी बोर्ड लगाकर खानापूर्ति कर डाली, यहां इस पुल से लोगों की आवाजाही को रोकने के लिये कोई भी उचित कदम अब तक नहीं उठाये गये हैं जिससे पुल से गुजरना किसी खतरे से खाली नही है,
वहीं मामले की गंभीरता का संज्ञान जिलाधिकारी ने लेते हुए एक तकनीकी विशेषज्ञो की टीम का गठन कर पुल की वास्तिविक स्थिति को जांचने के निर्देश दे दिये हैं, जिलाधिकारी ने बताया कि तकनीकी विशेषज्ञो की टीम को मौके पर भेजा जायेगा जो पुल का मुआयाना करेगी तब तक के लिये एक टीम पुल पर नजर भी रखेगी जिससे पुल पर भारी संख्या मंे लोगों की आवाजाही न हो वहीं पुल की वास्तविक स्थिति की जांच रिर्पाेट आने के बाद तत्काल ही गंभीर फैसले लिये जायेंगे, हालांकि इस पैदल पुल के बंद होने पर इस क्षेत्र के लोगों को 3 से 4 किलोमीटर का सफर भी तय करना पड सकता है फिलहाल पुल की स्थिति को जांचने के निर्देश जिलाधिकारी ने दे दिये हैं।