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जानिए उत्तराखंड के एक मंदिर ने कैसे बदल दी एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स औऱ फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग की किस्मत

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आर्टिकल- नीरज काला

उत्तराखंड में बहुत से पौराणिक,रहस्यमयी एवं चमत्कारी मंदिर है उत्तराखंड राज्य के कण कण में देवी देवताओं का वास है यही कारण है कि उत्तराखंड को देवभूमि भी कहा जाता हैं इन ही सब मंदिरों में से एक मंदिर है बाबा कैची धाम kainchi dham  मंदिर, जो उत्तराखंड के नैनीताल से 38 किलोमीटर एवं भवाली से 9 किलोमीटर दूर पर स्थित है, यह मंदिर भारत ही नही अपितु दुनिया में भी अपने बड़े बड़े भक्तों की वजह से प्रसिद्ध है, इस भक्तों में दुनिया का सबसे बड़ी मोबाइल निर्माता कंपनी एवं सबसे मंहगे फ़ोन बनाने वाली कंपनी में से एक एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स ( Steve Jobs), तथा दुनियाभर में करोड़ो लोगो को जोड़ने वाले फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) भी शामिल है.

कौन थे बाबा नीम करौली
हर साल 15 जून को कैची धाम के स्थापना दिवस के रूप में कैची धाम में मेले का आयोजन किया जाता है जिसमे लाखों भक्त भारत ही नही बल्कि देश दुनिया से यहाँ आते है अमेरिका,फ्रांस, जर्मनी,कनाडा से आये भक्तों का कहना है कि उन्हें कई बार बाबा के चमत्कार देखने को मिले है, बाबा नीम करौली बाबा को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है, बाबा नीम करौली का जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में ब्राह्मण परिवार में साल 1900 के आसपास हुआ था ,बाल्य काल के 11 वर्ष में ही बाबा का विवाह एक कन्या से हो गया था, लेकिन कुछ समय बाद ही बाबा ने घर छोड़ दिया था, घर छोड़ने के बाद वे गुजरात चले गए, लगभग 9 वर्षो तक गुजरात में तपस्या करने के बाद बाबा नीम करौली भर्मण पर निकले ओर वापस से नीम करौली के नाम से प्रसिद्ध लक्ष्मी नारायण शर्मा ने उत्तर प्रदेश के एक गांव नीम करौली में कठिन तपस्या की , वहाँ पर उन्होंने सिद्धि प्राप्त की, इन सब के बीच बाबा के परिचित द्वारा बाबा के पिता को उनके निवास कि जानकारी दी गयी गयीं, इसके बाद बाबा के पिता ने वहाँ पहुँच कर बाबा नीम करौली को ग्रहस्थ जीवन में वापस लौटने की आज्ञा दी, बाबा पिता की आज्ञा का पालन कर वापस लौट आये, ग्रहस्थ जीवन में वापस लौटने के वाद भी बाबा बढ़-चढ़ कर सामाजिक एवं धार्मिक कार्यो में भाग लिया करते थे, परंतु उनका मन ग्रहस्थ जीवन में ज्यादा दिन नही लगा , साल 1956 में बाबा नीम करौली ने घर को त्याग दिया, जिसके बाद बाबा ने अपने पहले धाम को नैनीताल में साल 1964 में स्थापित किया , बाबा नीम करौली महाराज जी का 11 सितंबर साल 1973 में वृन्दावन में निधन हो गया था .

मार्क जुकरबर्ग एवं स्टीव जॉब्स भी बाबा नीम करौली के मुरीद

वर्ष 2015 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान फ़ेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग के साथ इंटरव्यू में मार्क जुकरबर्ग ने बताया था कि वे फेसबुक को लेकर शुरुआती दिनों में काफी कठिनाइयों से गुज़र यह थे एवं कपंनी को बेचने पर विचार कर रहे थे तब उन्हें एप्पल के मालिक स्टीव जॉब्स ने भारत के एक मन्दिर के बारे में बताया एवं वे उस मंदिर में जाकर रहे जिस मंदिर ने उनकी किस्मत ही बदल कर रख दी, हालांकि की मार्क जुकरबर्ग ने उस मंदिर का नाम नही बताया परंतु मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह मंदिर नीम बाबा का कैची धाम ही था, और आज आप सभी फेसबुक की सफलता से वाकिब है और मार्क जुकरबर्ग कितने सफल व्यक्ति है यह बताने की जरूर नही है, 1974 में स्टीव जॉब्स भी आद्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति के लिए भारत आये थे, यहाँ पहले वे हरिद्वार पहुँचे फिर वहां से नैनीताल के कैची धाम मंदिर पहुँचे हालांकि उन्हें बाबा के दर्शन नही हो पाए थे, परंतु जब वे यहाँ से वापस अमेरिका गए तब उन्होंने आज की सफलतम फ़ोन कंपनी एप्पल बनाई जो आज सबसे बड़ी और प्रसिद्ध मोबाइल कंपनी है।

प्रसिद्ध एप्पल कंपनी का लोगो भी बाबा की देन

कहते है कि एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स को एप्पल का लोगो का आईडिया भी बाबा के इसी धाम में मिला, बाबा नीम करोली महाराज को सेब बहुत पंसद थे, यही वजह है कि स्टीव जॉब्स ने अपनी कंपनी का लोगो भी एक काटा हुआ सेब रखा, जो आज दुनिया की सबसे महान मोबाइल कंपनी एप्पल की पहचान है इस कटे हुए सेब वाले लोगो के फ़ोन के लोग दीवाने है वह हज़ारो रुपये खर्च कर एप्पल का फ़ोन लेने को उत्साहित रहते है।

प्रसिद्ध हॉलीवुड की अदाकारा जूलिया रॉबर्ट्स भी बाबा नीम करौली की भक्त

बाबा के भक्तों की सूची बड़ी लंबी है इन्ही में से एक हॉलीवुड की अदाकारा जूलिया रॉबर्ट्स भी है, जूलिया रॉबर्ट्स ने साल 2009 में हिन्दू धर्म अपना लिया था, जूलिया रॉबर्ट्स ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वे बाबा नीम करौली की तस्वीर से इतना प्रभावित हुई कि उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला कर लिया था।

बाबा के भक्तों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का भी नाम

कहा जाता है बाबा के भक्तों में एक नाम अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का भी है यह कहा जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिका से एक दल बाबा नीम करौली महाराज के धाम नैनीताल आया था उन्होने बराक ओबामा की जीत के लिए यहाँ हनुमान चालीस का पाठ करवाया था .

बाबा नीम करोली महाराज जी के चमत्कारों की कहानी

बाबा नीम करौली बाबा के चमत्कारों के वैसे तो बहुत किस्से है जिसे में उन्होंने अपनी दिव्या शक्तियों से बहुत सारे चमत्कार कर के दिखाए है उनमें से एक चमत्कार की कहानी में बताया जाता है कि एक बार बाबा के धाम में आयोजत भण्डारे में घी कम पड़ गया जिससे बाबा से सेवक चिंतित हो गए तब सभी सेवक बाबा के पास गए और अपनी समस्या बताई, बाबा के आदेशानुसार नदी के पानी को घी के रूप उपयोग किया गया ऐसे में वो प्रसाद जिसने पानी डाला था वो पानी घी में परिवर्तन हो गया.

कैची धाम मंदिर का प्रसाद

15 जून को प्रतिष्ठा दिवस के दिन मंदिर में मालपुहे का प्रसाद बंटा जाता है प्रसाद बनाने का कार्य 12 जून से ही शुरू हो जाता है प्रसाद बनाने का काम भी बहुत कठिन होता है जिसने श्रदालु भी भाग ले सकते है बशर्ते जो व्रत लेकर आये एवं धोती कुर्ता धारण कर प्रसास बनाने की समय अवधि में हनुमान जी का पाठ करे. तीन दिन तक प्रसाद बनाने का कार्य लगा रहता है प्रसाद में मालपुहे बांटने की इच्छा बाबा नीम करौली महाराज जी की थी बाबा के धाम के प्रसाद की महत्ता इतनी अधिक है कि भक्त दूर दूर से यह पहुँच कर प्रसाद लेते है.

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