हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों के तहत कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ‘‘स्वाधीनता आन्दोलन में हिंदी की स्वीकार्यता’’ विषय पर भाषाविद् डॉ राकेश बी दूबे ने बतौर मुख्य वक्ता अपने विचार रखे।
डॉ दूबे ने आजादी के पूरे परिदृश्य में विभिन्न भाषा क्षेत्रों से संबंध रखने वाले साहित्याकारों के योगदान को स्पष्ट किया तथा कहा कि स्वाधीनता के लिए हिंदी भाषा में ही अपने विचारों का प्रतिपादन करके आजादी के लिए देश को एकजुट किया गया। हिंदी की ताकात समय के साथ बढ़ती गई और आज हिंदी की स्थिति विश्वस्तर पर मजबूत हो रही है। संगोष्ठी का सफल संयोजन प्रो मंजुला राणा द्वारा किया गया जिन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत किए जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में ‘‘स्वाधीनता आन्दोलन में हिंदी की स्वीकार्यता’’ विषय की भूमिका को स्पष्ट करते हुए मुख्य वक्ता का परिचय दिया और कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा स्वाधीनता आन्दोलन से जुड़े विषयों पर श्रृखंलाबद्ध कार्यक्रम किए जा रहे हैं जिससे छात्र-छात्राएं, शोद्यर्थी समेत आमजन भी लाभान्वित हो रहे हैं।
कार्यक्रम के अन्त में सफल आयोजन के लिए डॉ अमित कुमार शर्मा ने मुख्य वक्ता एवं सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। वहीं इस संगोष्ठी में डा रोहित कुमार, डॉ कपिल पंवार समेत छात्र-छात्राओं, शोद्यार्थियों ने अपनी भागीदारी निभाई।