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खिर्सू ब्लॉक भवन निर्माण में लेटलतीफी, ब्लॉक प्रमुख ने लगाये आरोप, खिर्सू ब्लॉक का अस्तित्व खतरे में

Jan 19, 2023
खिर्सू ब्लॉक भवन निर्माण में लेटलतीफी, ब्लॉक प्रमुख ने लगाये आरोप, खिर्सू ब्लॉक का अस्तित्व खतरे मेंखिर्सू ब्लॉक भवन निर्माण में लेटलतीफी, ब्लॉक प्रमुख ने लगाये आरोप, खिर्सू ब्लॉक का अस्तित्व खतरे में
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गेस्ट हाउस में चल रहा खिर्सू ब्लॉक
ब्लॉक भवन खिर्सू निर्माण में लेटलतीफी,
2022 तक हो जाना था निर्माण कार्य पूर्ण
राजनैतिक द्वेषभावना के चलते निर्माण कार्य की कछुवा गति : भवानी गायत्री

श्रीनगर। पौड़ी जिले के खिर्सू ब्लॉक में ब्लॉक विकास भवन के निर्माण में हो रही लेट लतीफी से जन प्रतिनिधियों में आक्रोश व्याप्त है। खिर्सू ब्लाक प्रमुख भवानी गायत्री ने बताया कि खिर्सू में ब्लाक भवन का निर्माण कार्य धीमी गति से किया जा रहा है। जिसके चलते अधिकारी, जनता और जनप्रतिनिधियों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है। उन्होंने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि भवन निर्माण कार्य में जबरन लेटलतीफी कि जा रही है। जिसके कारण खिर्सू ब्लाक कार्यालय को गेस्ट हाउस में संचालित करना पड़ रहा है। कहा कि ब्लॉक भवन न होने से बीडीसी बैठक तक नहीं हो पा रही है, जिससें क्षेत्र के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

पत्रकारों से वार्ता करती ब्लॉक प्रमुख खिर्सू
 पत्रकारों से वार्ता करती ब्लॉक प्रमुख खिर्सू

गुरूवार को गढ़वाल मंडल विकास निगम श्रीनगर में पत्रकारों से वार्ता करती हुई खिर्सू ब्लाक प्रमुख भवानी गायत्री ने कहा कि अगस्त 2021 में ब्लाक भवन का निर्माण कार्य शुरू हो गया था और नवम्बर 2022 तक निर्माण कार्य पूरा होना था। लेकिन लेटलतीफी के चलते यह पूरा नहीं हो पाया। कहा कि राजनैतिक द्वेषभावना के चलते यह कार्य किया जा रहा है।

खिर्सू ब्लॉक का अस्तित्व है खतरे में

कहा कि पंचायती राज एक्ट के तहत ब्लॉक बनाने को लेकर जनसंख्या 25 हजार होनी चाहिए, लेकिन 2019 में हुए परिसीमन के बाद यहां 20 हजार के लगभग जनसंख्या है। साथ ही श्रीनगर के पालिका से नगर निगम बनने के बाद यह जनसंख्या और भी कम हो गई है। ऐसे में खिर्सू ब्लॉक के अस्तित्व पर भी सवाल उठ रहे हैं। ब्लॉक प्रमुख भवानी गायत्री ने कहा कि नगर निगम में खिर्सू ब्लाक के अधिकांश गांव जाने से ब्लॉक टूटने की कगार पर है। उन्होंने कहा कि खिर्सू क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति अलग होने के चलते गांवों को निगम की सुविधा का लाभ नहीं मिल पायेगा। उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिध्धियों के कार्यकाल पांच साल पूरा होने बाद ही खिर्सू ब्लाक के गांवों को नगर निगम में सम्मलित किया जाए।

क्षेत्र पंचायत खिर्सू ब्लॉक में शामिल, बजट पाबो, थलीसैंण ब्लॉक को
भवानी गायत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में परिसीमन के दौरान थलीसैंण और पाबौं ब्लॉक के कुछ गांव खिर्सू ब्लॉक में शामिल हुए थे। जिसके बाद यहॉ के क्षेत्र पंचायत सदस्य तो खिर्सू ब्लॉक में शामिल हैं लेकिन इन गांवों का बजट थलीसैंण और पाबौं ब्लॉक को मिल रहा है। जिससे विकास कार्यों के लिए परेशानी हो रही है। ज्येष्ठ प्रमुख भगवान सिंह, क्षेत्र पंचायत सदस्य मेघा रावत ने कहा कि तीन इन गांव के क्षेत्र पंचायतों का बजट थलीसैंण और पाबौं ब्लॉक में फंसा है। खिर्सू ब्लॉक के बजट से ही इन क्षेत्रों में विकास कार्य किया जा रहा है लेकिन बजट के कम होने के क्षेत्र के विकास कार्य प्रभावित हो रहे है।

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