श्रीनगर गढ़वाल। 9 सालों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार चार धामों की रक्षक देवी माँ धारी देवी अपने मूल स्थान पर विराजमान हो गई है। 2013 में जल विद्युत परियोजना द्वारा मंदिर को अपलिफ्ट किये जाने के बाद से ही माॅ धारी यहाँ अस्थाई मंदिर में निवास कर रही थी। आज विधि विधान के साथ माॅ को नये मंदिर में शिफ्ट किया गया। बता दें कि 2013 में इस नये मंदिर के ठीक नीचे माॅ धारी देवी का प्रसिद्व मंदिर था जो जल विद्युत परियोजना की झील में डूब गया। आनन फानन में मंदिर से मूर्ति को अपलिफ्ट कर अस्थाई मंदिर में रखा गया। कहा जाता है कि 2013 में मूर्ति के अपने मूल स्थान से हटाये जाने के कुछ घंटों बाद ही उत्तराखण्ड़ में 2013 का प्रलय आया था। तब से माॅ धारी को अस्थाई मंदिर में ही रखा गया था। लेकिन मूल स्थान के ठीक ऊपर ही झील में माॅ धारी के नये दिव्य मंदिर के बन जाने के बाद आज माँ धारी विधि विधान मंत्र उच्चारण के साथ यहाॅ विराजमान हो गई हैं।